Thursday, 8 December 2011

Maa.

!!!!माँ-बाप को भूलो नहीं !!!!






माँ-बाप को भूलो नहीं

भूलो सभी को तुम,मगर माँ-बाप को भूलो नहीं |
उपकार इनके अनगिनत इस बात को भूलो नहीं ||

पत्थर कई पूजे, तुम्हारे जन्म के खातिर अरे,
पाषाण बन माँ-बाप की छाती कभी कुचलो नहीं |

मुख का निवाला दे,अरे जिसने तुम्हें पोषित किया,
अमृत दिया तुमको,जहर उनके लिए उगलो नहीं |

कितने लड़ाए लाड और अरमान सब पुरे किये,
पुरे करो अरमान उनके,बात यह बदलो नहीं |

लोखों कमाते हो भले, माँ-बाप से ज्यादा नहीं,
सेवा बिना सब राख है, मद में कभी भूलो नहीं |

संतान की सेवा मिले, संतान बन सेवा करो,
जैसा करो वैसा भरो, इस सत्य को भूलो नहीं |

जो स्वयं गिले में, सुलाती थी तुम्हें सुखी जगह,
माँ की बरसती भावना को,तुम कभी कुचलो नहीं |

जिसने बिछाए फुल थे, हरदम तुम्हारी राह में,
उस राह पर के प्राण को, तुम शूल बन कुचलो नहीं |

धन तो मिलेगा फिर, मगर माँ-बाप क्या मील पावेंगें,
उनके चरण की धूल लेना, तुम कभी भूलो नहीं |



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